डी.एल.एड. :
शिक्षक का कार्य बहुत जिम्मेदारी को होता है क्योंकि उनको बच्चों को पढ़ाना होता है, बच्चों को शिक्षा देनी होती है और एक प्राइमरी स्कूल के बच्चें को पढ़ाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि वह स्वभाव से चंचल एवं नासमझ होते हैं इसलिए सरकार ने इन बच्चों को पढ़ाने के लिए बहुत से कोर्स चलाये हैं जिनमें से एक है बी.टी.सी. जो बर्ष 2017 से डी.एल.एड. कोर्स के नाम से जाना जाता है। इस कोर्स में बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रषिक्षित किया जाता है और सिखाया जाता है कि बच्चों को कैसे पढ़ाया जाता है? बच्चोें को पढ़ाने के लिए लेटेस्ट मैथेड क्या है?
अवधि- यह 2 बर्षीय डिपलोमा कोर्स होता है।
कोर्स का पूरा नाम - डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजूकेषन।
प्राइमरी शिक्षक बनने की अर्हता- डी.एल.एड. के पशचयात टी.ई.टी. या सी.टी.ई.टी. की परीक्षा उत्तीर्ण करना आबशयक है।
शैक्षिक योग्यता- डी0एल0एड0 करने के लिए न्यून्तम शैक्षिक योग्यता स्नातक होना आबशयक है।
आयु सीमा-
इन कोर्स को करने के लिए न्यून्तम आयु 18 वर्ष अधिकतम आयु सीमा 35 बर्ष है।
क्षेत्र- प्राईमरी शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए प्रधानाध्यापक/प्रधानाध्यापिका के रूप में कार्य करना।